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मेहनत का मेहनत से ही नर का रुप निखरता है! कर्म नहीं ,तो जीवन व्यर्थ सा लगता है! जब हाथों में कृषक के, मिट्टी का रंग चढ़ता है! कण-कण मिट्टी का ...